विशेष पूजन: कालसर्प पूजा, मंगल भात पूजा, अर्क/ कुम्भ विवाह, चांडाल दोष, ग्रहण दोष, यज्ञ एवं वास्तु शांति ,ऋण मुक्ति पूजा, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, संतान गोपाल अनुष्ठान, नवग्रह जाप, विष दोष, बगलामुखी अनुष्ठान, नवचंडी/सतचंडी अनुष्ठान, मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, आदि पूजन करवाई जाती है| अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करे - 8966872802

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पं. अविनाश पारासर

धार्मिक अनुष्ठानो में रूचि पंडित जी को बाल्यकाल से ही थी | पंडित जी ने शिक्षा ग्रहण वग्योगचेतना पीठम बागली से काशी विश्वनाथ वैदिक गुरुकुल मण्डला से की , आचार्य जी को समस्त प्रकार के अनुष्ठानो का प्रयोगात्मक ज्ञान एवं सम्पूर्ण विधि विधान कि जानकारी है आचार्य जी वैदिक अनुष्ठानो में एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण कार्य को करते हुए 25+ वर्ष से भी ज्यादा हो गया है पंडित जी प्राचीन समय से उज्जैन में किए गए सभी प्रकार के हिंदू आध्यात्मिक अभ्यासों और पूजाओं में रहे हैं। वर्तमान में पंडित जी उज्जैन नगरी में सर्वश्रेष्ठ विद्वानोँ की श्रेणी में आते है | वर्तमान में आचार्य जी द्वारा पूरी उज्जैन नगरी में कालसर्प पूजा एवं मंगल भात पूजा विशेष वैदिक पद्धति द्वारा पूजन सम्पन्न किया है इसके अतिरिक्त महामृत्युंजय जाप,दुर्गा सप्तसती पाठ भी करते है !

Years Experience 25+

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कालसर्प दोष
Kalsarp Dosh
!! जय श्री महाकाल !! क्या है "कालसर्प योग" सामान्यतः जन्म कुंडली के बाकी सात ग्रह राहु और केतु...
मंगल दोष पूजा
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मंगल ग्रह यदि जन्मकुंडली के लग्न, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव, द्वादश भाव में हो तो कुंडली को...
पितृ दोष
Pitra Dosh
पितृदोष और कालसर्पदोष का सबसे प्राचीन स्थान सिद्धवट घाट है यहीं पर पितरों को मुक्ति प्रदान होती है ..
नवग्रह जाप
Navgrah Jaap
ॐ ब्रह्मामुरारि त्रिपुरान्तकारी भानु: शशि भूमिसुतो बुध च। गुरु च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वेग्रहा: शान्ति करा: भवन्तु।।”
अर्क/कुंभ विवाह
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यदि लड़के अथवा लड़की की कुंडली में सप्तम भाव अथवा बारहवां भाव क्रूर ग्रहों से पीडि़त हो अथवा शुक्र...
महामृत्युंजय जाप
Mahamrityunjay Jaap
महामृत्युंजय मंत्र का जप क्यों किया जाता है? शास्त्रों और पुराणों में असाध्य रोगों से मुक्ति और अकाल मृत्यु....

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